first day at college 16/07/1981
मुझे बसों के बारे में ज्यादा कुछ पत्ता नहीं था, इसलिये जल्दी उठ कर नहा धो कर फटाफट नाश्ता किया और घबराते हुए घर से निकली . मेरा कॉलेज थोडा दूर था . दो बसें बदलनी थी .मुझ्हे कुछ याद नहीं कोन सा suit पहेना था .जेसे ही बस स्टैंड पर पहुंची , एक बस आई और में उस पर चढ़ गयी . कुछ समय बाद मुज्झे महसूस हुआ की मेरे चाचा जी जब मुझे कॉलेज दिखने ले गए थे तो यह रास्ता नहीं था . फिर तो मैं और घबरा गयी . किसी से पूछा सेंट्रल सेक्ट्रेट(दफ्तर) kab
तक आयगा वो मेरी शक्ल दिखने लगे . हुआ यु की मैं गलत बस में चढ़ गयी थी . मुझे जाना था सेंट्रल सेक्ट्रेट की बस में ओर पकड़ ली इंटर स्टेट बस टर्मिनल की बस .अब क्या था हर पांच मिनट में पूछती क्या करूँ. किसी ने बताया आप enquiry
ऑफिस से बस पूछ कर ही बैठना . किसी तरह पूछते पाछते कॉलेज पहुँच गयी . वहां भी मन नहीं लग रहा था कयुकि अभी घर वापिस भी तो जाना था .
आज मैं ऑफिस में नोकरी करती हूँ , तीन बच्चो की माँ हूँ . डेल्ही मैं कहीं भी जा सकती हूँ . पूरा भरोसा है अपने पर.
बड़ी बेटी MCA कर के ग्रेअटर नॉएडा में नोकरी कर रही है . छोटे जुड़वाँ बच्चे आज से कॉलेज जायेगें
बेठे बेठे अपना समय याद आ गया . कितना सीधा समय था , घर से बेमतलब निकलना नहीं होता , तो रास्तों के बारे भी नहीं मालूम था. कॉलेज से घर ओर घर से कॉलेज बस.
bsc के दुसरे साल आते आते थोड़ी समझदार भी हो गयी थी. physiology की lecturer ने एक दिन बताया फिल्म तलाक तलाक तलाक जरूर दिखना. यही बात घर जा कर कह दी . मैं बता नहीं सकती मेरी मम्मी ने उस दिन कितना भला बुरा कहा . पापा ने कहा चुपचाप मुझे कह कर फिल्म देखने चली जाया करो .फिर तो मेने कई फिल्मे देखी. तीन साल में चार पांच तो देखी ही होंगी. इतनी फिल्म तो मेरे बच्चे एक साल में देख लेते हें .पहले पैसे भी तो नहीं थे .
अब काफी समय हो गया हे ऑफिस मैं काम भी हे .........